कोविड-19 की वजह से डिजिटल लेनदेन में और इजाफा होने की उम्मीद, 2027 तक भारत में 91.4 करोड़ से अधिक हो जाएगी इंटरनेट यूजर्स की संख्या
मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते भारत में डिजिटलीकरण बढ़ेगा और अधिक संख्या में लोग ऑनलाइन खरीदारी करेंगे। साथ ही मॉर्गन स्टेलनी ने देश में इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए रिलायंस जियो की 4जी दूरसंचार सेवाओं को श्रेय दिया।
30 फीसदी लोग करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग
मॉर्गन स्टेलनी ने 'इंडियाज डिजिटल इकोनॉमी इन ए पोस्ट कोविड-19 वर्ल्ड' नाम की 53 पेज की रिपोर्ट में कहा कि बहुत संभव है कि किराना कारोबार में ऑनलाइन पैठ बढ़ेगी और कई सुपर एप इस प्रक्रिया को गति देंगे। भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में 30 फीसदी लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जबकि यह आंकड़ा चीन में 78 फीसदी और अमेरिका में 70 फीसदी से अधिक है। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि भारत के 67 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता 2027 तक बढ़कर 91.4 करोड़ हो जाएंगे और ऑनलाइन खरीदारी करने वालों की संख्या 19 करोड़ से बढ़कर 59 करोड़ हो जाएगी।
ऑनलाइन भुगतान में आएगी तेजी
ऑनलाइन खरीदारी के दौरान प्रति उपयोगकर्ता औसत खर्च भी दोगुना होकर 318 डॉलर होने का अनुमान है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा, 'रिलायंस जियो की 4जी दूरसंचार सेवाओं की सितंबर 2016 में शुरुआत होने से भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था में तेजी आई। इससे तेज, भरोसेमंद, सस्ती 4जी सेवाओं का विकल्प मिलने से डाटा का इस्तेमाल बढ़ा।' मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि कोविड-19 ने डिजिटल लेनदेन से संबंधित कुछ आशंकाओं को दूर किया है और इससे भारत में ऑनलाइन लेनदेन (जैसे ई-कॉमर्स और भुगतान) में तेजी आ सकती है।
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